भारतीय कृषि के लिए महत्वपूर्ण फसल पौधों और रोगाणुओं का जीनोम अनुक्रमण और एनोटेशन और आणविक मार्कर-सहायता प्राप्त प्रजनन के लिए पादप प्रजनकों को सहायता प्रदान करते हैं।
Awards & Honors
क्वीन एलिजाबेथ-II पुरस्कार (आस्ट्रेलियाई सरकार 1988).
राष्ट्रीय बायोसाइंस पुरस्कार, जैवप्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, 2002.
राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली के अध्येता, 2007.
भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्येता,2011.
भारतीय विज्ञान अकादमी, भारत के अध्येता, 2011.
बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाएं
क्यूटीएल से किस्म तक : सूखा, जलमग्नता और लवण सहिष्णुता के लिए प्रमुख क्यूटीएल से युक्त चावल की अजैविक प्रतिबल सहिष्णु किस्मों का मार्कर सहायी प्रजनन (जैवप्रौद्योगिकी विभाग)
गेहूं के गुणसूत्र 2ए का भौतिक मानचित्रण और नमूना क्रमनिर्धारण – इंटरनेशनल व्हीट सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम, भारत (जैवप्रौद्योगिकी विभाग)
पटसन में रेशे की गुणवत्ता में सुधार के लिए जीनोमिक्स (भा.कृ.अ.प.)
राष्ट्रीय चावल संसाधन डेटाबेस की स्थापना (जैव प्रौद्योगिकी विभाग)
गेहूं में जल उपयोग की दक्षता और ताप सहिष्णुता में सुधार के लिए क्यूटीएल का संयोग व सत्यापन के लिए आण्विक प्रजनन चयन कार्यनीतियां (सीमिट)
वन्य चावल में सस्यविज्ञानी दृष्टि से महत्वपूर्ण जीनों के लिए युग्मविकल्पियों का खनन और हॉटस्पॉट में चावल उगाने के लिए प्रतिबल सहिष्णु चावल की भूप्रजातियां (भा.कृ.अ.प.)
उपज तथा जैविक प्रतिबलों से संबंधित पहचान व कार्यात्मक विश्लेषण (जैवप्रौद्योगिकी विभाग)
चावल में कार्यात्मक जीनोमिक्स के लिए उपराऊं किस्म नगीना 22 के ईएमएस प्रेरित उत्प्रजनकों का सृजन, लक्षण वर्णन और उपयोग (जैवप्रौद्योगिकी विभाग)
अजैविक प्रतिबल सहिष्णुता के लिए जीनों की बायोप्रोस्पेक्टिंग और युग्मविकल्पी खनन (एनएआईपी)