संस्थान के बारे में

राष्‍ट्रीय पादप जैवप्रौद्योगिकी संस्थान (रा. पा. जै. सं.) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भा.कृ.अ.प.) का एक प्रमुख अनुसंधान संस्‍थान है।

इस संस्‍थान की स्‍थापना 1985 में फसल पौधों में आण्विक जीव विज्ञान और जैवप्रौद्योगिकी अनुसंधान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्‍थान (भा.कृ.अ.सं.) में 'जैवप्रौद्योगिकी केन्‍द्र' के रूप में हुई थी। कृषि में जैवप्रौद्योगिकी की निरंतर बढ़ती हुई भूमिका के कारण इस केन्‍द्र का उत्‍तरदायित्‍व बढ़ा और इसे 1993 में राष्‍ट्रीय पादप जैवप्रौद्योगिकी अनुसंधान केन्‍द्र के रूप में प्रौन्‍नत किया गया।

सफलता की कहानियां

पूसा जय किसान

इस केंद्र की प्रमुख उपलब्धियों में से एक उच्च उपज वाली सरसों की किस्म, जिसका नाम है, 'पूसा जय किसान' विकसित की गई है...

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करियर @ एनआईपीबी

नौकरी/रिक्तिया

दीर्घावधि प्रशिक्षण

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नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर प्लांट बायोटेक्नोलॉजी को नए उपकरण और तकनीक विकसित करने और फसल सुधार के लिए जैव प्रौद्योगिकी में सफलता देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।