01 |
डी नोवो जीनोम सिक्वैंसिंग, फिटनेस, विविधता और रोगजनकता पर पक्सीनिया टि्रटिसिना जीनोमिक्स नेटवर्क |
डीबीटी |
डॉ. टी.आर.शर्मा |
02. |
राइजोक्टोनिया सोलेनी की प्रतिरोधी चावल और टमाटर की किस्मों का विकास, चावल आच्छद झुलसा का आकस्मिक एजेंट तथा टमाटर जड़ तथा क्राउन सड़न रोगों की प्रतिरोधी चावल व टमाटर की किस्मों का भी विकास (भारतीय- आस्ट्रेलियाई सहयोग) |
डीबीटी |
डॉ. टी.आर.शर्मा |
03. |
चावल ब्लास्ट प्रतिरोधी जीनों का आण्विक क्लोनीकरण तथा क्रियात्मक लक्षण-वर्णन - द्वितीय प्रावस्था |
डीबीटी |
डॉ. टी.आर.शर्मा |
04. |
चावल की गैर विशिष्ट रोग प्रतिरोध के विकास के लिए सी-चावल-ब्लास्ट रोग प्रणाली में एलेल माइनिंग और प्रतिरोध की प्रोफाइलिंग की अभिव्यक्ति - तथा उग्रता |
एनएआईपी |
डॉ. टी.आर.शर्मा |
05. |
जैव-सूचनामिती तथा तुलनात्मक जीनोमिक्स |
आईसीएआर |
डॉ. टी.आर.शर्मा |
06. |
क्यूटीएल से किसम तक : अजैविक प्रतिबल सहिष्णु चावल का मार्कर सहायी प्रजनन |
डी बी टी |
एन.के. सिंह |
07. |
गेहूं गुणसूत्र 2ए का भौतिक मानचित्र्ण व नमूना क्रम निर्धारण - इंटरनेशनल व्हीट सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (भारत) |
डी बी टी |
एन.के. सिंह |
08. |
पटसन में रेशे की गुणवत्ता सुधार के लिए जीनोमिक्स |
आई सी ए आर |
एन.के. सिंह |
09. |
राष्ट्रीय चावल संसाधन डेटाबेस की स्थापना |
डी बी टी |
एन.के. सिंह |
10. |
गेहूं में जल उपयोग की दक्षता और ताप सहिष्णु में सुधार के लिए आण्विक प्रजनन चयन कार्यनीतियों का विकास व सत्यापन |
सिमिट |
एन.के. सिंह |
11. |
चावल के वन्य जननद्रव्य में सस्यविज्ञानी दृष्टि से महत्वपूर्ण जीनों के लिए युग्मविकल्पी खनन और हॉट स्पॉट में प्रतिबल सहिष्णु चावल की भूप्रजातियों को उगाना |
आई सी ए आर |
एन.के. सिंह |
12. |
उपज तथा जैविक प्रतिबलों से संबंधित पहचान तथा कार्यातमक विश्लेषण |
डी बी टी |
एन.के. सिंह |
13. |
अजैविक प्रतिबल सहिष्णुता के लिए जीनों की बायो प्रोस्पेक्टिंग तथा युग्मविकल्पों का खनन |
एन ए आई पी |
एन.के. सिंह |
14. |
चावल में कार्यात्मक जीनोमिक्स के लिए इसकी उपराऊं किस्म नगइना-2 के उत्प्रेरित उत्प्रजनकों का सृजन, लक्षण-वर्णन और उपयोग |
डी बी टी |
एन.के. सिंह |
15. |
चना में फ्रयूजेरियम प्रतिरोध और सूखा सहिष्णुता |
एन पी टी सी |
डॉ. श्रीनिवासन |
16. |
संकर ओज के निर्धारण के लिए आनुवंशिकी अभियांत्रिकी की दिशा में प्रगत बहु भ्रूणन में शामिल आण्विक प्रक्रियाओं को उजागर करना |
एन ए आई पी |
डॉ. एस.आर. भट्रट |
17. |
कपास में संकर बीजोत्पादन में एपोमिक्सिस व ताप संवेदी आनुवंशिक नरवंध्य प्रणाली का दोहन |
आई सी ए आर - टी एम सी |
डॉ. एस. आर. भट्रट |
18. |
माहू प्रतिरोधी पराजीनी सरसों का विकास |
एन पी टी सी (आई सी ए आर) |
डॉ. रेखा कंसल |
19. |
अत्यधिक प्रतिकूल पर्यावरण से बैसिलस व अन्य प्रमुख वंशों के विविधता का विश्लेषण और कृषि में उसका उपयोग |
एनएआईपी |
डॉ. जे.सी. पडारिया |
20. |
जलवायु समुत्थानशील कृषि पर राष्ट्रीय पहल |
एन आई सी आर ए |
डॉ. जे.सी. पडारिया |
21. |
एज़ोटोबैक्टर विनेलैंडी में निफ ए जीन की रचनात्मक अति अभिव्यक्ति के लिए सशक्त प्रमोटरों का र्डिजाइन व उनका निर्माण |
डी बी टी |
डॉ. जे.सी. पडारिया |
22. |
सूखा की सहिष्णुता व पीले तना बेधक के प्रतिरोध हेतु पराजीनी चावल का विकास |
एन पी टी सी (आईसीएआर) |
डॉ. देबाशीष पटनायक |
23. |
नमी की कमी और निम्न तापमान सहिष्णुता के लिए चावल में फिनोमिक्स |
एन एफ बी एस एफ ए आर ए (आईसीएआर) |
डॉ. पी.के. मंडल |
24. |
बढ़ी हुई नाइट्रोजन उपयोग की दक्षता के माध्यम से गेहंू की उत्पादकता में सुधार |
सिमिट (सी जी आई ए आर) |
डॉ. पी.के. मंडल |
25. |
वे फसल पौधे जो अपनी मुख्य जैविक बाधाओं को दूर करते हैं |
डीएसटी (भारतीय - आस्ट्रेलियाई वृहत चुनौती कार्यक्रम) |
डॉ. आर.सी. भट्रटाचार्य |
26. |
चावल और गेहूं में चूषक कीटों व पिटिका कीट नाशकजीवों में रक्षा प्रेरण का सामान्य आधार |
एन एफ बी एस एफ ए आर ए (आईसीएआर) |
डॉ. आर.सी. भट्रटाचार्य |
27. |
विशेष परीक्षण करने के लिए संदर्भ प्रयोगशाला की स्थापना |
पीपीवी और एफआरए |
डॉ. आर.सी. भट्रटाचार्य |
28. |
आरएनएआई का उपयोग करते हुए पादप सूत्र्कृमि अंतरक्रियाओं को समझना |
एन ए आई पी |
डॉ. पी.के. जैन |
29. |
पादप सूत्र्कृमि अंतरक्रिया को समझना : रोग विकास में शामिल पौधे तथा सूत्र्कृमि जीनों की पहचान |
एन एफ बी एस एफ ए आर ए (आईसीएआर) |
डॉ. पी.के. जैन |
30. |
बाजरा से एनेक्सिन बहुजीन कुल का आण्विक क्लोनीकरण और कार्यात्मक लक्षण-वर्णन |
डीबीटी |
डॉ. एस. बड़ठाकुर |
31. |
चावल में अजैविक प्रतिबल की जीन अनुक्रिया का मॉडलिंग नेटवर्क |
आई सी ए आर |
डॉ. किशोर गायकवाड |
32. |
रागी (एलेयूसिने कोराकाना) का जीनोमिक्स और फिनोमिक्स |
डी बी टी |
डॉ. कनिका |
33. |
ज्वार (सॉरघम बाइकलर एल.मोयंक) से कोशिका भित्ति जैव-संश्लेषण पथ जीनों की पहचान, क्लोनीकरण और लक्षण-वर्णन |
डी एस टी |
डॉ. मोनिका दलाल |
34. |
तोरिया (ब्रैसिका कैम्पेस्टि्रस) में जैव-मात्र तथा बीज उपज बढ़ाने के लिए साइटोकिनिन में जड़ विशिष्ट कमी लाना |
डी बी टी |
डॉ. पी.के. दाश |
35. |
जैंथोमोनास ओराइज़ी पीवी ओराइजी नॉकिंग डाउन एक्सए 13 मध्यित प्रतिरोध के भारतीय प्रभेदों से मुख्य उग्र निर्धारकों की पहचान व उनका कार्यात्मक लक्षण-वर्णन |
डी बी टी |
डॉ. ऋतुराय |
36. |
जीवाण्विक झुलसा के बेहतर प्रबंध के लिए जेंथोमोनास ओराइज़ी पीवी ओराइजी रोग प्ररूपों का क्रम निर्धारण |
डी बी टी |
डॉ. ऋतु राय |
37. |
अरहर में फली बेधक के विरुद्घ प्रतिरोध |
एन पी टी सी (आईसीएआर) |
डॉ. रोहिणी श्रीवत्स |
38. |
चना और अरहर में फली बेधक प्रतिरोध का विकास |
एन एफ बी एस एफ ए आर ए |
डॉ. रोहिणी श्रीवत्स |
39. |
सीमित दशाओं के अंतर्गत खेत में चयन की घटना (ओं) के प्रमाण- संकल्पना के सत्यापन के लिए मुख्य परजीवी जीन लक्ष्यों पर आधारित जड़ गांठ सूत्र्कृमि के प्रति सहिष्णु आरएनएआई पराजीनियों पर ट्रांसलेशन अनुसंधान |
डीबीटी |
डॉ. ए.यू. सोलंके |
40. |
कपास के गुले और रेशे के विकास की जीनोमिक्स |
एन ए आई पी |
डॉ. ए.यू. सोलंके |