डॉ. जसदीप चत्रथ पडारिया

डॉ. जसदीप चत्रथ पडारिया
प्रधान वैज्ञानिक
Jasdeep_kaur64@yahoo.co.in
Phone :
011-25841787 एक्‍स. 270

Research Interest

मेरी प्रयोगशाला में उच्‍च तापमान प्रतिबल के लिए सहिष्‍णु गेहूं के पराजीनियों के विकास हेतु उच्‍च तापमान प्रतिबल सहिष्‍णुता हेतु जीनों पर बल के साथ जैवप्रौद्योगिकी तथा जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है।

उत्‍प्रेरित अजैविक प्रतिबलों जैसे जलवायु के प्रति अनुकूलनशील पराजीनी गेहूं के विकास के लिए मॉडल प्रणालियों में सत्‍यापन के साथ-साथ पूरे पादप जगत में उच्‍च तापमान प्रतिबल सहिष्‍णुता के लिए जीनों की बायो प्रोस्‍पेक्टिंग व युग्‍म विकल्पियों का बेहतर निष्‍पादन प्रमुख अनुसंधान लक्ष्‍य हैं। विभिन्‍न डिस्‍प्‍ले तकनीकों जैसे ट्रांसक्रिप्‍टोम प्रोफाइलिंग, एसएसएच, माइक्रोऐरे विश्‍लेषण वपीसीआर आधारित कार्यनीतियों का उपयोग करके अजैविक प्रतिबल अनुक्रियाशील जीनों की पहचान व लक्षण-वर्णन का कार्य कुछ कठोर स्थितियों को सह सकने वाले पौधों जैसे पैनि‍सेटियम, जिजिफस और प्रोसोपिस व ताप सहिष्‍णु किस्‍मों में किया गया है तथा गेहूं की उन भूप्रजातियों में भी यह सम्‍पन्‍न किया गया है जो विभिन्‍न अजैविक प्रतिबलों के प्रति अंतरर्निहित सहिष्‍णुता से युक्‍त हैं।

गेहूं की श्रेष्‍ठ भारतीय किस्‍मों के लिए प्रोटोकालों के कारगर रूपांतरण का मानकीकरण मेरी प्रयोगशाला का एक अन्‍य प्रमुख अनुसंधान क्षेत्र है। गेहूं रूपांतरण प्रोटोकॉलों का मानकीकरण किया जा रहा है तथा विभिन्‍न रूपांतरण कार्यनीतियों का उपयोग करके गेहूं में रूपांतरित जीनों की पहचान की जा रही है।

जैविक प्रतिबल सहिष्‍णुता (कवकनाशी और कीटनाशी) के लिए जीनों की प्रोस्‍पेक्टिंग हेतु सूक्ष्‍मजैविक संसाधनों के उपयोग पर कार्य किया गया है। विभिन्‍न पर्यावरणीय स्‍थानिक क्षेत्रों से प्राप्‍त किए गए बीटी पृथक्‍करों के एक संकलन का लक्षण-वर्णन किया गया है तथा नए सीआरवाई और वीआईपी जीन विलगित किए गए हैं।

Awards & Honors

  1. यादव ए एन, वर्मा पी, कुमार एम, पाल के के, डे आर, गुप्‍ता ए, पडारिया जे सी, गुजर जी टी, कुमार एस, सुमन ए., प्रसन्‍ना आर, सक्‍सेना ए के (2014). डाइवर्सिटी एंड फाइलोजेनेटिक प्रोफाइलिंग ऑफ निके-स्‍पेसिफिक बेसिली फ्राम एक्‍स्‍ट्रीम एंवायरमेंट ऑफ इंडिया. एनल्‍स ऑफ माइक्रोबायोलॉजी, डीओआई: 10.1007/एस31213/014-0897-9), 1-19
  2. यादव आर. वर्मा ओ पी, पडारिया जे सी (2014). मॉडीफाइड सीटीएबी प्रोटोकॉल फार जीनोमिक डीएनए एक्‍सट्रेक्‍शन फ्राम मैच्‍योर लीव्‍स ऑफ जीजीफस न्‍यूमूलेरिया. आरईएस जे. बायोटैक्‍नोल 9: 43-47
  3. ठाकुर जे के, पॉल एस, दुरेजा पी, अन्‍नपूर्णा के, पडारिया जे सी, गोपाल एम. (2014). डिग्रेडेशन ऑफ सल्‍फोनेटिड एज़ो डाइ रेड एचई7बी बाइ बेसिलस एसपी. एंड इल्‍यूसीडेशन ऑफ डिग्रेडेटिव पाथवेस. करेंट माइक्रोबायोलॉजी 69: 183-191
  4. पडारिया जे सी, सरकार के, लोन एस ए, श्रीवास्‍तव एस (2014). मॉलीक्‍यूलर करेक्‍टराइजेशन ऑफ सेल्‍यूलोज- डिग्रेडिंग बेसिलस पुमिलस फ्राम द सॉइल ऑफ टी गार्डन, दार्जिलिंग हिल्‍स, इंडिया. जर्नल ऑफ एन्‍वायरमेंटल बायोलॉजी 35: 551-561
  5. कुमार एम. प्रसन्‍ना आर, लोन एस. पडारिया जे सी, सक्‍सेना ए के (2014). क्‍लोनिंग एंड एक्‍सप्रेशन ऑफ dnaK जीन फ्राम बेसिलस प्‍यूमिलस ऑफ हॉट वाटर स्प्रिंग ओरिजन. एप्‍लाइड एंड ट्रांसलेशनल जीनोमिक्‍स 3: 14-20
  6. पडारिया जे.सी, चौधरी एम. एवं तरफदार ए. 2013. एन एफीशियेंट प्रोटोकॉल फॉर जीनामिक डी.एन.ए. आइसोलेशन फ्रॉम फील्ड ग्रोन मेच्यूर लीव्स ऑफ पेन्निसेटम ग्लुएकम ((एल) आर. बी.आर.), रेस जे बायोटेकनोल 8: 30-34
  7. राम के., पडारिया जे.सी एवं सिंह ए. 2013. आइसोलेशन एंड कैरेक्टराइजेशन ऑफ सिमबायटिकली डिफेक्टिव पिरीमिडीन एंड अमीनो आसिड ऑक्सोट्रॉफ्स ऑफ मेसोराइजोबियम सीसेरी इन चिकपी. जे एन्वायरोन बायोल 34: 793-797.
  8. पडारिया जसदीप चतरथ, भट्रट दीपेश, कौशिक बिस्वास, सिंह गगनदीप और रायपुरिया राजकुमार (2013). इन-सिलिको प्रीडिक्शन ऑफ अनकरेक्टराइज्ड प्रोटीन जेनेरेटिड फ्राम हीट रेस्पोंसिव एसएसएच लाइब्रेरी इन व्हीट (टि्रटिकम एस्टाइवम एल.). प्लांट ओमनिक्स जरनल, 6: 150-156
  9. शकील, एन.ए., सिंह, मनीश, के., सत्येन्दीरन, एम., कुमार, जे. और पडारिया, जसदीप सी. (2013) माइक्रोवेव सिंथेसेस करेक्टराइजेशन एंड बायोइफिकेसी इवेल्यूएशन ऑफ नोवेल कैल्कोन बेस्ड 6-कार्पेन्थोक्सी-2-साइक्लोहेक्सेन - 1-वन एंड 2एच- इंडाजोल-3 - ओल्डडेरिवेटिव्स. यूरोपियन जरनल ऑफ मेडिसनल कैमिस्ट्री, 59: 120-131
  10. शकील निजाम ए., कुमार, जितेन्द्र, पडारिया, जसदीप सी0., सिंह, मनिश के., शुक्ला लवलीन, झा गिरीश के. (2012) एंटिबैक्टीरियन एक्टिविटीस ऑफ एसेंसियल ऑयल्स एंड देयर कांस्टीट्रयूऐंट्रस एगेंस्ट ग्रोथ ऑफ जेंथामोनास स्पिसीज. एनल्स ऑफ प्लांट प्रोटेक्शन साइंसेस, 20: 195-200
  11. पडारिया जे सी, कपूर वी (2011). प्‍लाज्मिड बॉर्न जीन ऑफ बेसिलस प्‍यूमिलस एमटीसीसी7615 रेस्‍पोंसिबल फॉर फंगल एंटागोनिज्‍म टुवर्डस राइजोक्‍टोनिया सोलेनी. इंडियन जर्नल ऑफ बायोकैमिस्‍ट्री, 10: 316-320
  12. पडारिया जे सी, सोरेन के आर, सिंह ए (2011). सिस्‍टेइन प्रोटीनेज- लाइक जीन हैज रोल इन सिम्बियोटिक प्रोपर्टीस ऑफ मीजोराइजोबियम साइसेरी टीएएल620. जर्नल ऑफ इकोफ्रेंडली एग्रीकल्‍चर 6:131-136
  13. पडारिया जे सी, राजन एच, सिंह ए (2010) सॉइल माइक्रोब बेसिलस प्‍यूमिलस एमटीसीसी 7615 एंटागोनिस्‍ट टू ए वाइड स्‍पैक्‍ट्रम ऑफ फाइटोपेथोजेंस.जर्नल ऑफ इकोफ्रेंडली एग्रीकल्‍चर 5: 94-97
  14. महेश्‍वरन वी, कुमार यू, गुप्‍ता ए, पडारिया जे, अन्‍नपूर्णा के (2010). पीनिबेसिलस पॉलीमिक्‍सा एचकेए – 15 : इफेक्‍ट ऑफ सीड ट्रीटमेंट ऑन सप्‍्रेशन ऑफ चारकोल रॉट डिसीज एंड ग्रोथ प्रमोशन ऑफ सोयाबी. पूसा एग्री साइंस 33: 14-19
  15. पडारिया जे सी, सिंह ए (2009). मॉलीक्‍यूलर करेक्‍टराइजेशन ऑफ सॉइल बैक्‍टीरिया एंटागोनिस्टिक टू राइजोक्‍टोनिया सोलेनी, शीथ ब्‍लाइट ऑफ राइस. जर्नल ऑफ एन्‍वायरमेंटल साइंस एंड हैल्‍थ. पार्ट बी 44: 397-402
  16. पडारिया जे सी, श्रीवास्‍तव एस, सिंह ए (2008). आइसोलेशन ऑफ बैक्‍टीरियल आइसोलेट ऑफ बैसिलस प्‍यूमिलस एस एन एंटागोनिस्टिक टू कैजुअल एजेंट ऑफ शीथ ब्‍लाइट ऑफ राइस. जर्नल ऑु इकोफ्रेंडली एग्रीकल्‍चरल 3: 56-61
  17. पुस्‍तक अध्‍याय

  18. लोन, एस.ए., मलिक, ए. और पडारिया जे.सी (2013), माइक्रोबायल रिसोर्स सैंटर टुवार्ड्रस हार्नेसिंग माइक्रोबायल डायवर्सिटी फॅार ह्रयूमन वेल्फेयर. इन: मैनेजमेंट ऑफ माइक्रोबायल रिसोर्सिस इन न इन्वायरमेंट (मलिक, ए., ग्रोहमैन, ई. और एल्वेस, एम - संपादक), स्पि्रंगर पब्लिशिंग हाउस, हेइडलबर्ग, न्यू यॉर्क पृ.सं. 51-68.
  19. शौकत ए., लोन और जसदीप चत्रथ पडारिया 2012 फाइलोजेनेटिक एनालिसिस ऑफ माइक्रोब्‍स यूजिंग बायोइंफोर्मेटिक टूल्‍स.' रिसेंट ट्रेंड्स इन कम्‍प्‍यूटेशनल बायोलॉजी एंड कम्‍प्‍यूटेशनल स्‍टेटिस्टिक्‍स एप्‍लाइड इन बायोटैक्‍नोलॉजी एंड बायो इन्‍फोर्मेटिक्‍स' में. संपादन –अजित कुमार रॉय, न्‍यू इंडिया पब्लिशिंग एजेंसी, नई दिल्‍ली, मु.प्र. 388-410
  20. जसदीप चत्रथ पडारिया और अखिलेश कुमार 2011. बायोप्रोस्‍पेक्टिंग ऑफ जीन्‍स फॉर चेंजिंग ग्‍लोबल क्‍लाइमेट. क्‍लाइमेट चेंज : इम्‍पेक्‍टस एंड एडाप्‍टेशन इन क्रॉप प्‍लांट्स में. संपादन – मदन पाल सिंह, संगीता क्षेत्रपाल, रेणु पाण्‍डे और प्रमोद कुमार. टुडे एंड टुमारोस प्रिंटर्स एंड पब्लिशर्स, मु.पृ. 103-108
  21. पडारिया आर एन, बलदेव सिंह, जे सी पडारिया, पंकज कुमार और रमेश चन्‍द्र. 2010. बीटी कपास द्वारा पर्यावरण व ग्रामीण जीवोकोपार्जन से सफलतम सुरक्षा. पुस्‍तक 'बेहतर पर्यावरण के लिए भारतीय कृषि : भा.कृ.अ.सं., नई दिल्‍ली, मु.पृ. 147-152
  22. जसदीप चत्रर्थ पडारिया और आर. चंद्रा, 2003. जेनेटिक इंजीनियरिंग. ए स्‍ट्रेटिजिक ए्प्रोच फॉर हाई-टैक हॉर्टीकल्‍चर. प्रीसीजन फार्मिंग इन हॉर्टिकल्‍चर में. संपादन. एच पी सिंह, गोरख सिंह, जोस सी सैमुअल और आर के पाठक. एनसीपीएएच, डीएसी/पीएफडीसी, सीआईएसएच, मु.पृ. 239-252
  23. जसदीप कौर चत्रथ और आर पी शर्मा, 2000. करेक्‍टराइजेशन ऑफ क्रिस्‍टल प्रोटीन जीन ऑफ बैसिलस थुंरिजिएंसिस टॉक्सिक टू पॉड बोरर ऑफ चिकपी. कृषि तथा जैवप्रौद्योगिकी के विकास व पर्यावरणीय उत्‍पादकता को बढ़ाने के लिए पादप कार्यिकीय परिदृश्‍य पर राष्‍ट्रीय सेमिनार के कार्यवृत्‍त में. संपादन आर एस द्विवेदी और वी के सिंह. आई एस पी पब्लिशर्स, नई दिल्‍ली: 27-31