मैं दो पादप प्रणालियों पर काम कर रहा हूं, चना, एक फलीदार पौधा और एर्बीडॉप्सिस, एक मॉडल पौधा। चना अधिकांश जनसंख्याप के दैनिक आहार का अभिन्नम अंग है। समय के साथ चने की उपज में वृद्धि नहीं हुई है जिसके अनेक कारण हैं (जैविक और अजैविक दोनों) जो इस फसल की उत्पाादकता को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। हमारा दल कार्यात्मजक जीनोमिक्सं की युक्तियों का उपयोग करके चने में सूखा सहिष्णुभता और मुर्झान प्रतिरोध को समझने का प्रयास कर रहा है। हमने सूखा सहिष्णुस/मुर्झान प्रतिरोधी व सूखा संवेदी/मुर्झान संवेदी चने के जीनप्ररूपों में विभिन्नस प्रकार से अभिव्त्ि जीनों की पहचान सप्रेसन सब्सदट्रेक्शझन हाइब्रिडाइजेशन (एसएसएच) द्वारा करके हजारों अभिव्य्क्तक क्रम टैग (ईएसटी) सृजित किए हैं। अनेक जीनों जैसे ईआरएफ, एनएसी, डीआरईबी आदि का विस्ताकर से लक्षण वर्णन किया गया है। हाल ही में माइक्रो आरएनए को जीन विनियमन में प्रमुख भूमिका निभाते हुए पाया गया है। हमने पहली बार लवण – और मुर्झान प्रतिबल अनुक्रियाशील सूक्ष्मू आरएनएज़ की पहचान करके उनका लक्षण-वर्णन किया है। हम सूखा सहिष्णुोता तथा मुर्झान प्रतिरोधम में शामिल जीनों/क्यू़टीएल की पहचान के लिए मानचित्रण जनसंख्या। (ओं) का भी उपयोग कर रहे हैं। मैंने सूत्रकृमि प्रतिरोध के लिए पोषक द्वारा प्रदान किए गए आरएनएआई के क्षेत्र में भी कार्य किया है। हमने एर्बीडॉप्सिस में सूत्रकृमि-अनुक्रियाशील जड़ विशिष्टक प्रमोटरों को पहचाना और क्लोयन किया है जो आरएनएआई को प्रेरित करने के लिए डीएस आरएनए की अभिव्ययक्ति हेतु निर्माणात्मोक प्रमोटरों का एक विकल्पो हैं। हमने सूत्रकृमि जीनों के लिए डीएसआरएनए अभिव्यिक्ति करने वाले पराजीनी पौधों में सूत्रकृमि संक्रमण में 40-60 प्रतिशत की कमी देखी है। हमारे समूह की विशिष्टर स्थाीनिक और कालिक अभिव्यमक्त4 पैटर्न के साथ प्रमोटरों को विलगित करने में भी काफी पहले से रूचि बनी हुई है। इस प्रकार के प्रमोटरों का उपयोग अंतत- जैविक और अजैविक प्रतिबलों की अनुक्रियाओं के फेरबदल के लिए किया जा सकता है। अनेक ऊतक- विशिष्ट् प्रमोटर जैसे जड़ -, परागकोष- और ट्राइकोम – विशिष्टऊ प्रमोटर विलगित किए गए हैं और उनका लक्षण वर्णन किया गया है।
Awards & Honors
कोहली डी, जोशी जी, देवकर ए ए, भारद्वाज ए आर, अग्रवाल एम, कटियार – अग्रवाल एस, श्रीनिवासन आर और जैन पी के (2014). आइडेंटिफिकेशन एंड करेक्टराइजेशन ऑफ विल्ट एंड साल्ट एस्ट्रेस- रिस्पोंसिव माइक्रो आरएनएज इन चिकपी थ्रू हाइ-थ्रूपुट सीक्वेंसिंग. पीएलओएस वन 9(10): इ1088151. डीओआई : 10.1371/जर्नल. पोन.0108851
देवकर ए ए, कोंडावर वी, कोहली डी, अस्लम एम,जैन पी के, कारूप्पाइल एम, वाश्र्नेय आर के और श्रीनिवासन आर (2014) द सीएआरईआरएफ जींस इन चिकपी (साइसर ऐरिटेनम एल.) एंड द आईडेंटिफिकेशन ऑफ सीएआरईआरएफ 116 एस एबायोटिक स्ट्रेस रिस्पोंसिव ट्रांसक्रिप्शन फैक्टर. फंक. इंट. जीनोमिक्स डीओआई 10. 1007/एस10142-014-0399-7
शर्मा आर., आर्या एस., पाटिल एस.डी., शर्मा ए., जैन पी.के., नवाणी, एन.के. एवं पठानिया आर. 2014. आइडेंटिफिकेशन ऑफ नॉवेल रेग्युलेटरी स्माल आर.एन.ए.एस. इन आसिनेटोबैक्टर बौमनाई. पी.एल.ओ.एस. वन 9: ई93833 (डी.ओ.आई.: 10.1371/ जर्नल.पोने.0093833).
खन्ना एस.एम., चौधरी पी., सैनी आर., जैन, पी.के. एवं सैनी आर. 2014. स्पेसिफिक एक्टिविटीस एंड टै्रनस्क्रिप्ट लेवेल्ज ऑफ ग्लाइकोलाइटिक एन्जाइम्स अंडर डीहाइडै्रशन इन चिकपी (सिसेर एरिएटीनम एल.) सीडलिंग्स. लेग्यूम रेस (एक्सेप्टेड).
खन्ना एस.एम., चौधरी पी., सैनी आर., जैन, पी.के. एवं श्रीनिवासन आर. 2014. इफेक्ट ऑफ वॉटर डेफिसिट स्टै्रस ऑन ग्रोत एंड फिजियलॉजिकल पैरामीटर्स इन चिकपी कल्टिवर्स डिफरिंग इन ड्राउट टॉलरेन्स. आनल्स बायोल 30: 77-84.
चौधरी, पी, खन्ना, एस.एम., जैन, पी.के., चेल्लापिल्ला - भारद्वाज, कुमार जे., लखेड़ा, पी.सी. और श्रीनिवासन आर. (2013), मॉलीक्यूलर करेक्टराइजेशन ऑफ प्राइमरी जीन पूल ऑफ चिकपी बेस्ड ऑन आईएसएसआर मार्कर्स, बायोकैमिकल जैनेट, 51: 306-322
कुमार टी., भारद्वाज सी, तारा सत्यावती सी एवं जैन पी.के. 2013. ए हाई थ्रूपुट, इंप्रूव्ड रॅपिड एंड रिलाइयबल जीनामिक डी.एन.ए. एक्सटै्रक्शन प्रोटोकॉल फ्रॉम चिकपी (सिसेर एरिएटीनम एल.). वेगेटोस 26: 185- 190.
चौधरी, पी, खन्ना, एस.एम., जैन, पी.के., चेल्लापिल्ला - भारद्वाज, कुमार जे., लखेड़ा, पी.सी. और श्रीनिवासन आर. (2012), जेनेटिक स्ट्रक्चर एंड डायवर्सिटी एनालिसिस ऑफ प्राइमरी जीन पूल ऑफ चिकपी यूजिंग एसएसआर मार्कर, जैनेट मॉल. रिस, 11: 891-905
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विजेन्द्र कुमार वी., ठाकरे, डी.आर., साहा, डी.एन., जाजू, ए.,जैन, पी.के., भट्रट, एस.आर. और श्रीनिवासन, आर. (2012) करेक्टराइजेशन ऑफ अपस्ट्रीम सिक्वेंसिस ऑफ द परॉक्सीडेज जीन, Atprx18 ऑफ एर्बिडॉप्सिस थैलियाना. जे. प्लांट बायोकैम. बायोटैक, 21: 121-127
सिंह एन के, गुप्ता डी के ...... टी आर शर्मा, 2012. द फर्स्ट ड्राफ्रट ऑफ द पीजन पी जीनोम सीक्वेंस. जे प्लांट बायोक बायोटैक. 21:98- 112